उत्तराखंड में तैनात होमगाडर्स को अब कांस्टेबल के समान ही वेतन देने की कवायद शुरू की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद शासन ने आठ सप्...
उत्तराखंड में तैनात होमगाडर्स को अब कांस्टेबल के समान ही वेतन देने की कवायद शुरू की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद शासन ने आठ सप्ताह के भीतर इस निर्णय को लागू करना है। इस कारण शासन इसकी तैयारियों में जुट गया है। यह भी देखा जा रहा है कि इससे सरकार की जेब पर कितना बोझ पड़ेगा। हालांकि, इसके साथ ही अन्य विभागों से संविदा पर कार्यरत कार्मिकों को लेकर भी मंथन किया जा रहा है। इसके बाद यह मसला कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा।
हालांकि उत्तराखंड सरकार पहले ही आर्थिक स्थिति से जूझ रही है लेकिन ऐसे में किस तरह से प्रदेश पर बोझ बढ़ेगा और क्या सरकार होमगार्ड्स को भी सिपाही के समान वेतन देगी या नही ये तो केबिनेट के बाद ही पता चलेगा
प्रदेश में अभी विभिन्न विभागों में साढ़े छह हजार से अधिक होमगाड्र्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन विभागों में पुलिस, परिवहन, सचिवालय व संचार आदि शामिल हैं। इन होमगाड्र्स से सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त रखने के साथ ही विभागों में सुरक्षा एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कार्य लिया जा रहा है। अभी इन्हें 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। होमगाडर्स के लिए बने नियमों के अनुसार पुलिस के सहायक के रूप में सेवा देने पर इन्हें पुलिस के समान ही अधिकार व सुविधाएं मिले