इंडिया पॉजिटिव संस्था ने भारत सरकार से अपील की है की भारत के पहले राष्ट्रपति व देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्मदिवस को राष्ट्रीय ज्ञान दिव...
इंडिया पॉजिटिव संस्था ने भारत सरकार से अपील की है की भारत के पहले राष्ट्रपति व देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्मदिवस को राष्ट्रीय ज्ञान दिवस घोषित किया जाये. इंडिया पॉजिटिव द्वारा राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में सह संयोजक श्री महेश वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की डॉ राजेंद्र प्रसाद ने आज़ादी के लिए एक अहम् योगदान दिया है और हम सरकार से अपील करते हैं की उनका जन्मदिन राष्ट्रीय ज्ञान दिवस के तौर पर मनाया जाये.
डॉ राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति, भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया था जिसकी परिणति २६ जनवरी १९५० को भारत के एक गणतंत्र के रूप में हुई थी। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने स्वाधीन भारत में केन्द्रीय मन्त्री के रूप में भी कुछ समय के लिए काम किया था।
इस कार्यक्रम में कार्यक्रम में श्री रवि शंकर प्रसाद यूनियन मिनिस्टर लॉ एंड जस्टिस, कम्युनिकेशन एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी; श्री गिरिराज सिंह यूनियन मिनिस्टर एनिमल हसबैंडरी, डैरीइंग एंड फिशरी ; डॉ रमेश पोखरियाल निशंक मानव संसाधन मंत्री, श्री श्याम जाजू नेशनल बीजेपी, श्री तिवारी प्रेजिडेंट दिल्ली बीजेपी, सांसद शिवहर श्रीमती रमा देवी , श्री राज कुमार वर्मा राज्य सभा सांसद और श्री संजीव चौरसिया विधायक दीघा उपस्थित रहे । कार्यक्रम में दीपा मालिक को भी सम्मानित किया गया.
इस आयोजन पर अपनी प्रसन्ता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने भी एक पत्र द्वारा इसकी सराहना की.
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रतिभा के धनी राजेन्द्र बाबू हर विद्यार्थी के जीवन के प्रेरणा बने इसके मंत्रालय उनके जीवन पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करेगा। देश के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेंद्र प्रसाद के 135 वे जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल" निशंक" ने यह घोषणा की है जहां इनके नाम से राष्ट्रीय स्तर का एक ज्ञान कोष स्थापित करने की घोषणा हुई.
श्री रवि शंकर प्रसाद ने उन्हें एक सुलझा हुआ और ज्ञानी व्यक्तित्व बताया