प्रदेश में अपने आपराधों की वजह से लोगों की बीच में दहशत रखने वाले वो अपराधी जो की पुलिस की फाइलों में जिंदा लेकिन हकिकत में मर चुके हैं. अब ...
प्रदेश में अपने आपराधों की वजह से लोगों की बीच में दहशत रखने वाले वो अपराधी जो की पुलिस की फाइलों में जिंदा लेकिन हकिकत में मर चुके हैं. अब पुलिस विभाग उनकी फाइलों को बंद करने जा रही है. इसके लिए पुलिस द्वारा तैयारी भी शुरू कर दी गई है. और अब मुर्दा बदमाशों की फाइलों को बंद करने जा रही है पुलिस
अपराध करने के बाद अपराधी या तो जेल चले जाते हैं या फिर मर जाते हैं और कुछ ऐसे भी होते हैं जो खुद मरा घोषित करवा देते हैं. लेकिन पुलिस के आपाराधिक रिकोर्ड में अपराधी जिंदा रहते हैं. जिंदा रहती हैं उनकी फाइलेंं ताकी समय समय पर विवेचनाएं की जा सके. लेकिन पुलिस विभाग अब मरे चुके बदमाशों की फाइलों को बंद करने जा रही है. वैसे कई साल पहले मर चुके अपराधी अभी भी पुलिस की फाइलों में जिंदा है. डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया की पुलिस ने प्रदेशभर में सत्यापन शुरु कर दिया है. और कई बदामाशों की फाइले यूपी के दौर से लेकर अभी तक चल रही हैं. लेकिन अभी तक उनकी कोई भी गतिविधि सामने नही आई हैं. ऐसे में अब उनकी फाइलों को बंद करने की तैयारी भी की जा रही है.इतना ही नही पुलिस अब यह भी देख रही है की कोई नया गैंग तो तैयार नही हो गया अगर हुआ है तो उसकी सूची भी तैयार की जाए..
पुलिस के रिकोर्ड के अनुसार देहरादून जिलें के 18 गैंगो के करीब 30 बदमाशों की मौत हो गई है. तो यह गैंग हरिद्वार से लेैकर देहरादून तक अपनी पकड़ रखते थे. लेकिन अब इनकी कोई भी गतिविधि दर्ज नही की जा रही है. जिसके बाद इनकी फाइलों को बंद करना ही पुलिस सही समझ रही है.