बिना जांच एजेंसी के कोई भी वाहन निर्माता यानी कि मैन्यूफैक्चर कोई भी वाहन पर बैठने की सवारी क्षमता की सीट ना बढ़ा सकता है ना ही कम कर सकता ह...
बिना जांच एजेंसी के कोई भी वाहन निर्माता यानी कि मैन्यूफैक्चर कोई भी वाहन पर बैठने की सवारी क्षमता की सीट ना बढ़ा सकता है ना ही कम कर सकता है लेकिन राज्य प्राधिकरण द्वारा यह नहीं बताया गया कि कौन से अधिकारी केंद्र सरकार की एजेंसी एआरएआई पुणे की रिपोर्ट के बाद उससे इतर सीट को घटा बढ़ा सकते हैं जबकि इनके द्वारा जो सूचना दी गई है उसमें भी नियम 126 में स्पष्ट है की मैन्युफैक्चर भी अर्थात वाहन निर्माता जांच एजेंसी से ही पहले अनुमोदन लेगा जांच एजेंसी एआरएआई पुणे द्वारा पहले ही स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि हमारे द्वारा सात सवारी + ड्राइवर अर्थात 8 सवारी विक्रम टेंपो को को हमारे इंस्टिट्यूट द्वारा कोई अनुमोदन नहीं दिया गया है तो फिर यह कहीं ना कहीं रांची परिवहन प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार हुआ है इसकी जांच होनी चाहिए और जिन अधिकारियों द्वारा विक्रम टेंपो 8 सवारी में अनुमोदन किया गया है उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए
विक्रम ओके पीले काले रंग में आरटीओ द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा एक पत्र राज्य प्रबंध प्राधिकरण को भेजा गया जिसमें की यह कहा गया है की यह हमारे यहां से नीले रंग में ना हो के कहीं राजी प्राधिकरण द्वारा तो इसे नीले रंग में तो नहीं किया गया है लेकिन जब मेरे द्वारा सूचना मांगी गई तो राज्य प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा इसे नीले रंग में स्वीकृति नहीं दी गई है तो प्रश्न यह उठता है कि जब दोनों विभागों द्वारा विक्रम टेंपो के नीले रंग को अनुमोदन नहीं दिया गया तो फिर यह किस अधिकारी द्वारा नियम के विरुद्ध किया गया है उस अधिकारी के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए
प्रार्थी या मांग करता है की नियमों के तहत विक्रमो का रंग पीला काला होना चाहिए और और ड्राइवर समेत टेंपो विक्रमो को जो ड्राइवर समेत आठ सवारी में स्वीकृत किया गया है उसे नियमों के तहत ड्राइवर समेत सात सवारी में स्वीकृत किया जाए और ड्राइवर समेत आठ सवारी टेंपो विक्रमो के परमिट समेत वाहन को निरस्त किया जाए