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बहराइच के श्रद्धालुओं से भरी बस रेलवे डाटपुल से भिड़ी, एक की मौत, 7 घायल

  प्रयागराज। जार्जटाउन थाना में श्रद्धालुओं से भरी बस बुधवार दोपहर बैरहना रेलवे डाटपुल से टकरा गई। बस की छत पर बैठे एक किसान की मौत हो गई और...

 


प्रयागराज।


जार्जटाउन थाना में श्रद्धालुओं से भरी बस बुधवार दोपहर बैरहना रेलवे डाटपुल से टकरा गई। बस की छत पर बैठे एक किसान की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। हादसे की सूचना पर आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। सभी घायलों को स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
 हादसे में  सुशील शुक्ला (45) पुत्र हर्षवर्धन, निवासी मंगलपुरवा, थाना हरदी, जिला बहराइच की मौत हो गई। हादसे में घायल सभी लोग बहराइच जिले के हरदी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। क्षेत्राधिकारी कर्नलगंज सतेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि घायलों में मुकेश कुमार (35) निवासी रामपुरवा, जवाहरलाल (55) निवासी मंगलपुरवा, विनीत शुक्ला (30),आकाश शुक्ला (17), सूरज शुक्ला (22) निवासी पचदेवरा, गुड्डू शुक्ला (40),रामू शुक्ला (45) को तत्काल एस.आर.एन. में भर्ती कराया गया है। सभी लोग बस की छत पर बैठे हुए थे। बस चालक की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है। 


 प्राइवेट एम्बूलेंस  से पीजीआई भेजा गया एक घायल


 हादसे की सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज तत्काल स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल पहुंचे और सभी के उपचार के लिए डाक्टरों की टीम से कहा। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों के जाते ही हादसे में घायल रामू शुक्ला की हालत नाजुक होने की वजह से पीजीआई के लिए रिफर कर दिया। लेकिन उसे लखनऊ ले जाने के लिए सरकारी एम्बूलेंस नहीं उपलब्ध कराया। जिससे परिवार के लोग उसे एक प्राइवेट एम्बूलेंस से लेकर यहां से गए। 
 बहराइच से मौनी अमावस्या का स्नान करने के लिए बस में सवार 70 लोग संगम आ रहे थे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हादसे में घायल दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। जिलाधिकारी ने बस को सीज करने का आदेश दिया है। जार्जटाउन पुलिस ने बस को कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई शुरू कर दिया है और स्नान के लिए आए अन्य श्रद्धालुओं को संगम क्षेत्र में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। 
 प्रदेश सरकार की मन्सा है कि माघमेला पूरी तरह सुरक्षित सम्पन्न हो जाए। जिले के आलाधिकारी भी यही चाह रहें है। लेकिन बहराइच से संगम क्षेत्र के लिए श्रद्धालुओं को लेकर खूलेआम कई चैराहों को पार करते हुए खतरनाक स्थान पर पहुंच गई और यह हादसा हो गया। यदि समय रहते चैराहों पर तैनात पुलिस कर्मी एवं यातायात सिपाही यदि गौर किए होते तो आज यह दुखद हादसा होने से बच जाता। यातायात नियम के तहत बस की छतपर सवार होकर चलना अपराध माना गया है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं को नहीं रोक सके।