लखनऊ विधानसभा में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के 7वें सम्मेलन के समापन अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद ...
लखनऊ विधानसभा में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के 7वें सम्मेलन के समापन अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि बजट सरकार का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक नीति उपकरण है और बजट पर संसद और विधान सभाओं में सार्थक और उपयोगी चर्चाएं हो सके, इसके लिए सदस्यों का क्षमता निर्माण आवश्यक है।
सम्मेलन के समापन सत्र पर लोकसभा अध्यक्ष सहित सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों द्वारा विगत दिनों देहरादून में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के सफल आयोजन पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल को विशेष तौर पर बधाई भी दी गई।
सम्मेलन के समापन अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विधानमंडल न केवल विधि निर्माण का कार्य कर रहे हैं, अपितु आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में भी अग्रणी हैं'
सम्मेलन के दौरान लोक सभा अध्यक्ष श्री बिरला ने कहा कि विधानमंडलों को कार्यपालिका की वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक सजग प्रहरी की तरह कार्य करना चाहिए।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के भीतर दूसरे विषय “बजट प्रस्तावों की संवीक्षा के लिए जन प्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाना” पर विचार रखते हुए कहा कि विधायिका सदस्यों के पास बजट की संवीक्षा करने के लिए पर्याप्त कौशल और जानकारी होनी आवश्यक है ।उन्होंने कहा कि विधान मंडलों की समितियां सरकार के बजट, नीतियों, कार्यक्रमों, योजनाओं, परियोजनाओं एवं उसके कार्यान्वयन का मूल्यांकन करती है और इनके सदस्यगण विभिन्न् मुद्दों पर अपनी दलगत प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर कीमती सुझाव समिति को देते हैं। इसलिए बजट पर संसद और विधान सभाओं में सार्थक और उपयोगी चर्चाएं सुनिश्चित करने के लिए सदस्यों का क्षमता निर्माण आवश्यक है।
सम्मेलन में भारत केंद्र शाखा (भारत की संसद) और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र शाखाओं से 35 डेलिगेट्स ने भाग लिया। साथ ही, इसके अलावा, इन दो दिनों के सम्मेलन में, मंत्रिगण और उत्तर प्रदेश विधान सभा और उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लगभग 270 विधायक उपस्थित रहे।