वामपंथी संगठनों से जुड़ी 10 ट्रेड यूनियनों ने मोदी सरकार के खिलाफ 10 जनवरी से एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। ट्रेड यूनियनों न...
वामपंथी संगठनों से जुड़ी 10 ट्रेड यूनियनों ने मोदी सरकार के खिलाफ 10 जनवरी से एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। ट्रेड यूनियनों ने इस दौरान ट्रेन समेत सड़क परिवहन की सेवाओं को बंद रखने का ऐलान किया है। जिससके आम जनजीवन प्रभावित रहने की आशंका है।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन और स्वतंत्र राष्ट्रीय फेडरेशन ने सरकार के खिलाफ इस हड़ताल में किसानों और बैंक कर्मचारियों के भी शामिल होने की संभावना जताई है। संगठन के पदाधिकारियों ने ट्रेड यूनियन कानून 1926 में संशोधन का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कथित पारदर्शिता के नाम पर मनमर्जी कर रही है, जिससे बंधुआ मजदूरों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा। सीपीआई के महासचिव समर भंडारी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की सरकार में पिछले 6 महीने के दौरान देश मे आर्थिक मंदी छाई हुई है , नोकरिया लगातार घट रही है ,बेरोजगारी में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है । साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय परिसंपत्तियों का विनिवेशीकरण कर रही है जिसके विरोध में उत्तराखंड संयुक्त ट्रैड यूनियन ने 8 जनवरी को एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है ।