जिलाधिकारी सी रविशंकर के कुशल मार्गदर्शन एवं त्वरित दिशा-निर्देशों के चलते जनपद में श्रम विभाग, प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस-प्रशासन, समाज कल्याण...
जिलाधिकारी सी रविशंकर के कुशल मार्गदर्शन एवं त्वरित दिशा-निर्देशों के चलते जनपद में श्रम विभाग, प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस-प्रशासन, समाज कल्याण विभाग, बाल विकास विभाग, जिला बाल कल्याण समिति इत्यादि के सदस्यों वाली जिला टास्कफोर्स समिति की मेहनत रंगलायी और जनपद में 48 बाल एवं किशोर श्रमिकों को चिन्हित करने के उपरान्त उनका स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए नजदीकी विद्यालयों में शिक्षा हेतु प्रवेश दिलवाया गया। उनको नजदीकी विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ मिड-डे-मिल भी उपलब्ध करवाकर मुख्यधारा में शामिल किया गया। जिलाधिकारी ने इस पर संतोष व्यक्त करते हुए इसी प्रकार आगे भी जहां बाल एवं किशोर श्रमिक पाये जाते हैं उनका भी चिन्हिकरण करते हुए उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने तथा बालश्रम करवाने वालों पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने के जनपदीय टास्क फोर्स को निर्देश दिये।
कैम्प कार्यालय में बाल श्रम उन्मूलन हेतु गठित टास्कफोर्स समिति की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को बाल श्रमिक से सम्बन्धित प्रकरणों को नियमानुसार सही तरह से डील करते हुए गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिये।
चाइल्ड लाईन की शिकायत पर सेलाकुई स्थित कारखाने का बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के अन्तर्गत निरीक्षण करने पर आधार कार्ड में कईयों की एक जैसी जन्मतिथि और व्यस्क श्रमिक दर्शाने को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए समिति को निर्देश दिये कि जिन बच्चों के बाल श्रमिक होने का सन्देह है उनका स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से मेडिकल बोर्ड से उम्र का सत्यापन करवायें साथ ही यदि बच्चों की उम्र नाबालिग पायी जाती है तो सम्बन्धित कम्पनी/फर्म के साथ ही आधार कार्ड बनाने वाले केन्द्र पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने 14 वर्ष वर्ष से उपर के आयु वग्र के बच्चों को नजदीकी टेªनिंग सेन्टर्स पर वोकेशनल प्रशिक्षण दिलवाने हेतु तेजी से कार्य करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में अब-तक चिन्हित 12 बाल एवं किशोर श्रमिकों के कल्याण के लिए जरूरी धनराशि हेतु सहायक श्रम आयुक्त को अपने विभागीय व शासन स्तर पर इस सम्बन्ध में धनराशि प्राप्त करने जरूरी पहल करने के निर्देश दिये। साथ ही निर्देश दिये कि बाल एवं किशोर श्रमिकों के चिन्हिकरण हेतु औचक निरीक्षण के दौरान बन्धुआ मजदूरी के एंगल से भी देखें तथा यदि बन्धुआ मजदूरी और बाल टैªफिकिंग (तस्करी) से सम्बन्धित कोई प्रकरण बनता है तो इस दशा में सम्बन्धित नियोक्ता और व्यक्ति पर सख्त से सख्त कार्यवाही करें। इसके लिए बीच-बीच में प्राप्त होने वाली शिकायतों के क्रम में तथा अपने स्तर से भी औचक निरीक्षण लगातार करते रहें। उन्होंने सभी शिकायतों पर प्राथमिकता अधारित एक्शन लेने और अगली बैठक में सभी तरह की कृत कार्यवाही का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने के टास्कफोर्स समिति को निर्देश दिये।
इस अवसर पर बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजी शरण शर्मा, सहायक श्रमायुक्त कमल जोशी, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ संजय दत्त सहित समाज कल्याण, बाल कल्याण समिति, जिला पंचायत, शिक्षा विभाग सहित विधिक सदस्य उपस्थित थे।