लखनऊ में CAA,NRC,NPR के ख़िलाफ़ हुसैनाबाद में घण्टाघर पार्क के अन्दर हो रहे पुर अम्न एहतिजाज के ख़िलाफ़ ठाकुर गंंज की पुलिस ने तीन अलग-अलग ...
लखनऊ में CAA,NRC,NPR के ख़िलाफ़ हुसैनाबाद में घण्टाघर पार्क के अन्दर हो रहे पुर अम्न एहतिजाज के ख़िलाफ़ ठाकुर गंंज की पुलिस ने तीन अलग-अलग दफ़ाओं में मुक़दमे क़रीब 300 मर्द व ख़्वातीन के ख़िलाफ़ दफ़ा 144 का उल्लंघन व बलवा व रास्ता जाम करने व सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल करने के जुर्म में क़ायम किए गए हैं । जबकि न तो वहां कोई बलवा हुआ और न ही रास्ता जाम हुआ, यूं तो शहर भर में जाम लगता है जिसका इलाज आजतक प्रशासन के पास नहीं है।
एडीसीपी विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक शनिवार रात यानी 18 जनवरी की रात से डिफेंस एक्सपो, गणतंत्र दिवस व अन्य विशेष समारोहों को देखते हुए राजधानी के कमिश्नरी क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसलिए घण्टाघर का प्रर्दशन पूरी तरह सरकार ने अवैधानिक घोषित कर दिया है।
मैं भारत का वरिष्ठ नागरिक व मोमिन अंसार सभा का जिम्मेदार ख़ादिम और एडवोकेट होने के नाते सरकार तथा पुलिस कमिश्नर श्री सुजीत पाण्डेय जी से जानना चाहता हूं कि जब पूरी कमिश्नरी क्षेत्र में धारा 144 लगीं है तो केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को क़ानून की हिमायत में रैली निकालने की अनुमति कैसे दी गई।क्या यह जुर्म नहीं है,क्या यह धारा 144 का खुला उल्लंघन नहीं है। यानी अवाम अगर पुर अम्न एहतिजाज करें तो उनपर लाठी डंडे चलाए जाएं उनका कम्बल,खाना छीना जाए,पाख़ानो में ताला लगा दिया जाए,आग में पानी डाल दिया जाए तम्बू न लगाने दिए जाएं और मुक़दमे क़ायम किए जाएं और मंत्री जी को ख़ुद पुलिस प्रशासन रैली निकलवाए। मैं जानना चाहता हूं कि क्या मंत्री जी क़ानून से ऊपर उठकर हैं।
जब हमने वोट दिया तो किसी ने नागरिकता नहीं पूछी,और अब हमें अपनी नागरिकता साबित करने को कहा जा रहा है,यह न केवल देश के नागरिकों का अपमान है बल्कि बाबा भीमराव आंबेडकर द्वारा रचित संविधान का भी अपमान है। सरकार को अवाम की भावनाओं की कद्र करते हुए क़ानून वापस लेना चाहिए।