पहाड़ के नोजवानों को आज अगर प्राउड पहाड़ी कहलाना है तो उनको सबसे पहले पहाड़ में फैल रहे नशे के प्रकोप के खिलाफ संघर्ष छेड़ कर पहाड़ को नशा मुक्त...
पहाड़ के नोजवानों को आज अगर प्राउड पहाड़ी कहलाना है तो उनको सबसे पहले पहाड़ में फैल रहे नशे के प्रकोप के खिलाफ संघर्ष छेड़ कर पहाड़ को नशा मुक्त बनाना पड़ेगा।यह बात आज पहाड़ी युवाओं की संस्था प्राउड पहाड़ी द्वारा परेड ग्राउंड में आयोजित तृतीय घुघुती महोत्सव में बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने कही। उन्होंने कहा कि आज पूरे पहाड़ में नशा महामारी की तरह फैल चुका है और खाली होते पहाड़ों में बचे खुचे युवा आज नशे की गिरफ्त में आ कर बर्बाद हो रहे हैं जो बहुत चिंता का विषय है। श्री धस्माना ने कहा कि प्राउड पहाड़ी जैसी युवाओं की संस्थाओं को अपनी संस्कृति साहित्य के प्रचार प्रसार के साथ साथ अपने पहाड़ के ज्वलंत सवालों पर भी काम करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में श्री धस्माना ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले 9 पहाड़ी युवाओं को संस्था की ओर से सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले सौरभ मैठाणी लोक गायक,नरेश नोटियाल गढ़वाली खाद्य प्रमोटर, मीनाक्षी खाती ऐपन गर्ल, योगेश पेंटिंग आर्टिस्ट,भास्कर भोरियाल पेंटिंग आर्टिस्ट, सोनी बिष्ट ग्रीन पहाड़ी फ़ूड,मोहित डिमरी युवा पत्रकार, भगवान धामी करियर काउंसलिंग व शकुंतला रमोला को लोक गायिकी के क्षेत्र में प्रतीक चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया।प्राउड पहाड़ी सोसाइटी के राजेश भट्ट , बाला नेगी आदि ने श्री धस्माना को संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया।