महेंद्र कुमार पुत्र स्व0 महावीर प्रसाद निवासी धर्मपुर ,देहरादून द्वारा दिनांक 6 जनवरी 2020 की रात्रि को अपनी दुकान धर्मपुर से अज्ञात च...
महेंद्र कुमार पुत्र स्व0 महावीर प्रसाद निवासी धर्मपुर ,देहरादून द्वारा दिनांक 6 जनवरी 2020 की रात्रि को अपनी दुकान धर्मपुर से अज्ञात चोर द्वारा दुकान की छत की टिन काटकर रुपयों की मालाएं एवं गल्ले से नकदी चोरी किए जाने के संबंध में थाना नेहरू कॉलोनी पर सूचना दी। सूचना के आधार पर थाना नेहरू कॉलोनी पर तत्काल मु0अ0स0 13/20 धारा 380/457 भादवि पंजीकृत किया गया एवं विवेचना उ0नि0 अजय रावत के सुपुर्द की गई। पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण कर आस पास के सीसीटीवी फुटेज चेक की गई। घटनास्थल के आसपास संदिग्ध व्यक्तियों , जेल से छूटे पूर्व नकब जन, चोरों के बारे में जानकारी हासिल कर कड़ी पूछताछ की गई तथा ऐसे अपराधियों को चिन्हित किया गया जिनके द्वारा पूर्व में इस प्रकार की मोडस ऑपरेंडी अपनाकर चोरी की घटनाओ को अंजाम दिया गया हो, जिसके फलस्वरूप पुलिस टीम को इस प्रकार के अपराध करने के तरीके के संबंध में अहम जानकारी मिली। पुलिस टीम की मेहनत एवं कुशल पतारसी- सुरागरसी से दिनांक 10 जनवरी 2020 की रात्रि को अभियुक्त गोपाल दत्त पोखरियाल पुत्र हरिदत्त पोखरियाल निवासी ग्राम अगासपुर, थाना भिकियासैंण, जनपद अल्मोड़ा, उम्र 27 वर्ष को सहस्त्रधारा क्रॉसिंग देहरादून के पास से गिरफ्तार किया गया एवं चोरी किया गया संपूर्ण माल अभियुक्त की निशानदेही पर अभियुक्त के किराए के कमरे से बरामद किया गया।
[पूछताछ अभियुक्त]
अभियुक्त गोपाल दत्त पोखरियाल द्वारा बताया गया कि मैं वर्ष 2011 से 2013 के बीच कोतवाली देहरादून से कई चोरियों में जेल गया था, वर्ष 2016 में थाना सहसपुर से पेट्रोल पंप लूट में जेल गया था, थाना सहसपुर कोतवाली देहरादून में मेरे विरुद्ध चोरी , नकबजनी, गैंगस्टर के और भी मुकदमे दर्ज हैं। मैं 10 नवंबर 2020 को जेल से छूट कर आया था एवं चक्खु मोहल्ला देहरादून में किराए पर रहकर स्मैक बेचने का काम कर रहा था। इस बीच मैंने छोटी- मोटी चोरियां भी की। स्मैक के काम में ज्यादा सजा व रिस्क होने के कारण मैंने दोबारा बड़ी चोरी करने का प्लान बनाया। दिनांक 6 जनवरी 2020 को दिन के समय मैं चोरी के लिए रेकी कर रहा था, मैंने देखा धर्मपुर चौक पर पूजा की सामान की दुकान है, जिसके बाहर बहुत सारे नोटों की मालाएं लटकी थी और दुकान की छत टीन की चादर की है। मैंने दुकान में हाथ का धागा लेने के बहाने दुकान का निरीक्षण किया, फिर मैं रात को करीब डेढ़- दो बजे दुकान की पीछे से छत पर चढ़ा और दुकान छत की टीन को कटर व पेचकस से काटकर दुकान के अंदर गया और वहाँ से नोटों की मालाएं और गल्ले में रखे पैंसे चोरी कर लिए। मैंने चोरी करने से पहले सहस्त्रधारा क्रॉसिंग पर नया कमरा ले लिया था, जिससे कोई भी मुझे ढूंढ न सकें। चोरी करने के अगले दिन मैं आजाद नगर सहस्त्र धारा क्रॉसिंग पर कमरे में चला गया।