आज उत्तराखंड अभिभावक संघ द्वारा देहरादून के प्रेस क्लब मैं एक प्रेस वार्ता की गई जिसमें उन्होंने निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर निजी स्कूलो...
आज उत्तराखंड अभिभावक संघ द्वारा देहरादून के प्रेस क्लब मैं एक प्रेस वार्ता की गई जिसमें उन्होंने निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर निजी स्कूलों पर आरोप लगाए उत्तराखंड अभिभावक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया कि निजी स्कूलों द्वारा आईसीएसई बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड के नियमों की अनदेखी कर अपनी सुविधा के अनुसार अपने उद्देश्य की पूर्ति के कार्य किए जा रहे हैं साथ ही उन्होंने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रवेश हेतु विद्यालय को आरटीआई के अंतर्गत मान्यता प्राप्त करनी होती है परंतु वे स्कूल बगैर मान्यता के ही आरटीई में प्रवेश लेकर छात्रों के धन का आहरण भी कर रहे हैं साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से कभी स्कूल न्यूज़ शुल्क तो कभी वैवाहिक स्थल की रसीद प्रदान कर भिन्न भिन्न प्रकार से अवैध वसूली की जाती है जिसकी शिकायत कई बार वह उच्च अधिकारियों से कर चुके हैं साथ ही उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से मोटा धन वसूला जाता है और आयकर के नाम पर आयकर अधिनियम की धारा 12 में कल्याणकारी कार्य दिखाकर छूट प्रदान कर ली जाती है जिसे देश की राज्य की लूट है और यह लूट निजी विद्यालय द्वारा संचालित सोसाइटी के नाम परिवर्तन की जाती है जबकि 17 सितंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेशित किया गया था कि अब निजी स्कूल भी सूचना के दायरे में रहेंगे क्योंकि इनके द्वारा आयकर छूट प्राप्त की जाती है तो इन्हें अपने आय का ब्यौरा भी अभिभावकों और अन्य सक्षम पटल पर मांगे जाने पर प्रस्तुत करना होगा
बाल आयोग को भी गुमराह करते हैं निजी स्कूल वाले
अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बार-बार बुलाने के बावजूद भी पेशल वुड स्कूल के मालिक प्रेम कश्यप बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेशों की भी हवा में धज्जियां उड़ा रहे हैं उन्होंने बताया कि कश्यप पर विद्यार्थियों को परेशान करने के 5 मामले चल रहे हैं साथ ही दो बच्चों को स्कूल से निकालने और टीसी नहीं देने के मामले को लेकर मंगलवार को पीड़ित की मां दिनभर आयोग कार्यालय में बैठी रही इसके बावजूद भी कश्यप ने प्रिंसिपल को मेडिकल सर्टिफिकेट देकर भेज दिया लेकिन एक सोचने वाली बात यह है कि मंगलवार को प्रिंसिपल को मेडिकल दे कर बाल आयोग में भेजा जाता है और ठीक उससे 2 दिन बाद ही कश्यप एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हैं 2 दिन के अंदर कश्यप सही हो जाते हैं साथ ही उन्होंने मांग की है कि कश्यप के साथ मेडिकल बनाने वाले डॉक्टर पर भी कार्यवाही की जाए ओर उनके मेडिकल की जांच की जाए