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पांच दिवसीय आरोग्य मेला 2020 आज से शुरू

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को परेड ग्राउण्ड में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय, उत्तराखण्ड सरकार के आयुष विभाग और पी.एच.डी चैम्...

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को परेड ग्राउण्ड में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय, उत्तराखण्ड सरकार के आयुष विभाग और पी.एच.डी चैम्बर आॅफ काॅमर्स द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय आरोग्य मेले 2020’ का शुभारम्भ किया। 


राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आयुर्वेद व योग के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य विश्व में अपनी अलग पहचान बना सकता है। उत्तराखण्ड विश्व मानचित्र में वेलनेस टूरिज्म का महत्वपूर्ण गंतव्य हो सकता है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं जड़ी-बूटी उत्पादन में प्रत्यक्ष साझेदारी कर रही है। उत्तराखण्ड में आयुर्वेद, योग तथा सभी आयुष विधाएँ राज्य को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण का भी माध्यम हैं। आयुष की प्रगति एवं लोकप्रियता से स्थानीय उत्पादों तथा पारंपरिक जीवन शैली को बढ़ावा मिलता है।  राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को परेड ग्राउण्ड में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय, उत्तराखण्ड सरकार के आयुष विभाग और पी.एच.डी चैम्बर आॅफ काॅमर्स द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय आरोग्य मेले 2020’ का शुभारम्भ किया।  उत्तराखण्ड राज्य योग एवं आयुर्वेद की जन्मभूमि है। यह प्रसन्नता की बात है कि राज्य में योग-आयुर्वेद को पर्यटन गतिविधियों से जोड़ने के लिये कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होम स्टे को वेलनेस टूरिज्म से जोड़ने का प्रयास किया जाना  चाहिये। आयुष विधाओं का ग्रामीण एवं कृषि विकास से भी प्रत्यक्ष संबंध है। इस अवसर पर आयुष मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में आयुष के लिये असीम संभावनाएं है। राज्य में योग व आयुर्वेद का जन्म हुआ है। केन्द्र व राज्य सरकारें आयुष एवं योग के विकास के लिये निरन्तर कार्यरत हैं।


माननीय आयुष और आयुष शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार डॉ। हरक सिंह रावत ने कहा आयुर्वेद भारत में सबसे पुराना भारतीय चिकित्सा पद्धति है और हिमालयी राज्यों में पाए जाने वाले औषधीय पौधे का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है। उत्तराखण्ड राज्य देश में सबसे अधिक औषधीय पौधे का उत्पादन करता है । हम देहरादून में आरोग्य मेला २०२० का आयोजन कर खुश हैं और इससे लोगों में आयुर्वेद के बारे में जागरूकता आएगी। मैं आशा करता हूँ की भविष्य में उत्तराखंड राज्य को दुनिया में आयुर्वेद केंद्र के रूप में जाना जाएगा । 
इसका मेले  का  आयोजन पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, आयुर्वेदिक और यूनानी सेवा निदेशालय उत्तराखण्ड सरकार, आयुष मंत्रालय भारत सरकार तथा आयुष मंत्रालय उत्तराखण्ड सरकार के तत्वावधान में किया जा रहा है । 
इस मेले में लोगों की जागरूकता और विभिन्न पारंपरिक प्रथाओं के अनुभव के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है । मेले के कुछ विशेष आकर्षण स्वास्थ्य व्याख्यान, लाइव योग प्रदर्शन, प्रसिद्ध योग गुरुओं द्वारा निशुल्क  परामर्श, होम्योपैथी डॉक्टरों द्वारा निशुल्क परामर्श सत्र, नाड़ी परीक्षण के लिए निःशुल्क जाँच और परामर्श का आयोजन किया जा रहा है । नवीनतम तकनीकी से पंच-कर्म प्राकृती परीक्षण तथा रसोई फार्मेसी और घर पर बने सौंदर्य प्रसाधन पर गृहिणियों के लिए विशेष कार्यशालाएं भी आयोजित करवाई जा रही है । 
इस अवसर बोलते हुए डॉ० डी० के० अग्रवाल अध्यक्ष पीएचडी चैंबर ने बताया इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के प्राचीन और पारंपरिक स्वास्थ्य और कल्याण प्रणालियों पर ध्यान देने के साथ आयुष आयुर्वेद योग यूनानी सिद्ध और होम्योपैथी को हिमालय की गोद में बसे राज्य में बढ़ावा देना है। औषधीय पौधों को उगाना किसानों के लिए कहीं अधिक फायदेमंद  होगा क्योंकि उपज को एमएसपी पर नियमित मंडियों में नहीं जाना पड़ेगा या बिचौलियों के कारण कम दरों के खतरे का सामना करना पड़ेगा। औषधीय पौधों पर प्राप्त बेहतर मूल्य किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा और किसानों की आय दोगुनी करने के माननीय प्रधान मंत्री के सपने को पूरा करने में मदद करेगा। आयुष के लिए व्यापार और रोजगार की संभावनाएं विशेष रूप से बढ़ती वैश्विक चेतना के प्रकाश में अथाह हैं। दुनिया आज भारत को इस उम्मीद से देख रही है कि हम मानव अस्तित्व की बेहतरी के लिए ज्ञान और अवसरों के नए मोर्चे खोल दें।
राष्ट्रीय आरोग्य मेले 2020 में देहरादून मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, भारत सरकार आयुष मंत्रालय में उप सचिव श्री रामानन्द मीणा, सचिव आयुष श्री दिलीप जावलकर, पदमश्री श्री भारत भूषण,  पंतजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द सरस्वती, ,  डॉ0 डी0 के0 अग्रवाल, अध्यक्ष पीएचडी चैंबर , श्री प्रदीप मुल्तानी , उपाध्यक्ष पीएचडी चैंबर, श्री वीरेन्द्र कालरा, चेयरमैन, उत्तराखण्ड राज्य चैप्टर पीएचडीसीसीआई, श्री विवेक सिगल,  प्रिंसिपल डायरेक्टर, पीएचडी चैंबर, डॉ0 रणजीत मेहता, प्रिंसिपल डायरेक्टर पीएचडीसीसीआई और श्री अनिल तनेजा, क्षेत्रीय निदेशक,-उत्तराखण्ड चैप्टर पीएचडी चैंबर तथा  देश के विभिन्न स्थानों से आये आयुष चिकित्सक, विशेषज्ञ तथा आयुष से जुड़े लोग उपस्थित थे।