अगर आपकी दिलचस्पी समाचार, और दुनिया में घट रही घटनाओं और लिखने में है तो आप पत्रकारिता एवं जनसंचार में करियर बना सकते हैं। पत्रकारिता एवं जन...
अगर आपकी दिलचस्पी समाचार, और दुनिया में घट रही घटनाओं और लिखने में है तो आप पत्रकारिता एवं जनसंचार में करियर बना सकते हैं।
पत्रकारिता एवं जनसंचार में समय के साथ-साथ काफी बदलाव आया है । नई-नई तकनीकों के कारण अब पत्रकारिता के कई प्लेटफार्म देखने को मिल रहे हैं । प्रिंट, रेडियो और टीवी के बाद पत्रकारिता का भविष्य वेब पर आ गया है। पत्रकारिता में कैरियर बनाने के लिए किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होना जरूरी है। 12वीं करने के बाद आप चाहे तो डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के बाद भी आप पीजी डिप्लोमा व डिग्री कोर्स पत्रकारिता एवं जनसंचार में कर सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद आप एमफिल या पीएचडी भी पत्रकारिता एवं जनसंचार में कर सकते हैं , जिसके बाद आप अपना भविष्य शिक्षक के रूप में भी बना सकते हैं। सीबीएसई ने भी 11 व 12वीं में मास मीडिया का कोर्स शुरू करके भविष्य की राह खोल दी है।
आज के समय में वेब पत्रकारिता मे भी भविष्य की राह खोल दी हैं वेब पत्रकारिता किस प्लेटफार्म ने रिजिट विजिटर्स को फीडबैक की सुविधा दी, यानी आप न्यूज़ मेकर्स से सीधे सवाल पूछ सकते हैं। स्मार्टफोन के आ जाने से यह दिन प्रतिदिन आगे बढ़ रही है पत्रकारिता के भविष्य के रूप में इस माध्यम को स्थापित किया जा रहा है।
आज पत्रकारिता के विविध आयामों मेें डिजिटलाइजेशन उनका प्रमुख आधार स्तंभ है। आज का युवा डिजिटल पत्रकारिता में इस आयाम को खूब पसंद कर रहा है। भारत में आज इंटरनेट यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। करोड़ों लोग आज इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहेे हैं। सिटिजन पत्रकारिता को डिजिटल पत्रकारिता ने एक सम्बल प्रदान किया है।
पत्रकारिता करने के बाद आपको न्यूज़ एजेंसी, न्यूज़ पोर्टल, समाचार पत्र , मैगज़ीन, प्रोडक्शन हाऊस, न्यूज़ चैनल, एंकरिंग, न्यूज़ , एडिटिंग, स्क्रिप्टिंग, पीआरओ( पब्लिक रिलेशन आफिसर) व प्राइवेट एवं सरकारी नौकरी एक कैरियर के रूप में आपको इस क्षेत्र में मिल सकती है।
पत्रकारिता के क्षेत्र में एक सफल करियर के रूप में किसी भी व्यक्ति को जिज्ञासु दृढ़ इच्छा शक्ति वाला, सूचना को वास्तविक, संक्षिप्त तथा प्रभावी रूप में प्रस्तुत करने की अभिरुचि रखने वाला, किसी के विचारों को सुव्यवस्थित करने तथा उन्हें भाषा तथा लिखित-दोनों रूपों में स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त करने में कुशल होना चाहिए। दबाव में कार्य करने के दौरान भी नम्र एवं शांत चित्त बने रहना एक अतिरिक्त योग्यता होती है।
तोहिष भट्ट
एसिस्टेंट प्रोफेसर
साईं कॉलेज देहरादून।