विश्व कैंसर दिवस आज पूरे देश में जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। वंही अगर बात राजधानी देहरादून की करे तो विश्व कैंसर दिवस के मौके ...
विश्व कैंसर दिवस आज पूरे देश में जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। वंही अगर बात राजधानी देहरादून की करे तो विश्व कैंसर दिवस के मौके पर अके ले ही राजधानी देहरादून में चौकाने वाले मामले सामने आ रहे है
वीओ 1 देश भर के साथ ही उत्तराखंड राज्य में भी कैंसर अपने पांव जमाने लगा है। 2014 में नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम आॅफ इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च यानि कि आईसीएमआर ने बताया कि लगभग 28 लाख बीस हजार एक सौ उन्नासी में चार लाख 91 हजार पांच सौ अट्ठानब्बे लोगों की मौत कैंसर से हुई है। वहीं उत्तराखंड की बात करे तो राज्य मे अमुमन एक साल में 14 हजार केस में से 2 हजार 400 कैंसर पीडितों की मौत हो गई है। देहरादून के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून में देखा जाए तो केवल 6 माह में 719 पेसेंट ओपीडी में आए हर महीने 120 लोग ओपीडी मे आ रहे है जबकि 182 लोगों की अस्पताल मे कीमोथेरेपी भी हो चुकी है तो 196 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती है और पाया जा रहा है कि हर दिन तीन से चार कैंसर के मरीज अकेले दून अस्पताल में पहुंच रहे हैं। जिनका 50 प्रतिशत ईलाज दून अस्पताल में किया जाता है
वंही अगर बात सरकारी मशीनरी की.करे तो सरकारी मशीनरी कैंसर जैसी बीमारियों से लडने मे नाकामियाब रही है कारण कि दछन मेडिकल कॉलेज में रेडियो थरेपी की मशीन नही है जिससे कैंसर के मरीजों पर हर दिन भारी पड़ रही है हालांकि दून मेडिकल कॉलेज के एमएस के के टम्टा ने कहा कि उनकें द्वारा शासन को पत्र भी भेजा गया है कि जल्द ही शासन रेडियो थरेपी की मशीन को मरीजों के लिए उपलब्ध कराऐ आपको यह भी बतादे कि रेडियो थरेपी मशीन की करोडो की लागत से आनी है साथ ही ही टम्टा ने भी माना है कि कैंसर के मरीजों का लगातार ग्राफ बढ रहा है
जैसी बीमारियों से लडने के लिऐ भले ही भारत सरकार और राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही हो लेकिन सोचने वाली बात यह है कि मात्र देहरादून मे ही कैंसर के चौकाने वाले मामले सामने आ रहे है तो उत्तराखंड राज्य के अलग अलग जिलों में कैंसर की क्या स्थिति होगी यह सोचने वाली बात है