मुंबई और दिल्ली में रोड शो की अपार सफलता के बाद, कोच्चि ने उत्तराखंड वेलनेस समिट-२०२० ’के रोड शो की मेजबानी की और वेलनेस सेक्टर में निवेश ...
मुंबई और दिल्ली में रोड शो की अपार सफलता के बाद, कोच्चि ने उत्तराखंड वेलनेस समिट-२०२० ’के रोड शो की मेजबानी की और वेलनेस सेक्टर में निवेश पर जोर दिया। उत्तराखंड सरकार के माननीय आयुष और आयुष शिक्षा मंत्री, श्री हरक सिंह रावत ने इस शिखर सम्मेलन व रोड शो की अध्यक्षता की। देवभूमि की तरक्की पर प्रकाश डालते हुए, माननीय मंत्री ने हिमालय पर्वतमाला में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और कल्याण उद्योग में विकास की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बात की।
उन्होंने उत्तराखंड सरकार द्वारा निजी निवेशकों और उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए किए गए प्रयासों और पहलों पर प्रकाश डाला, और निजी क्षेत्र की परियोजनाओं को गति, धन और विकास के लिए प्रमुख क्षेत्रों में से एक श्वेलनेस को नामित किया। उन्होंने कहा, ष्हम निजी निवेशों के माध्यम से आयुष स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास और उन्नयन को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि स्वस्थ जीवन शैली और वेलनेस की अवधारणा में शरीर का सही शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन शामिल है। “बेहतर उपचार से बेहतर स्वास्थ्य का पालन युवाओं और बुजुर्गों के एक बड़े समूह ने भी किया है। ऑर्गेनिक फूड ने भारत में लोगों की जीवनशैली में सुधार किया है और यह देश अब वेलनेस पहलों में सबसे आगे है। हिमालय की हर्बल उत्पादों के औषधीय मूल्यों का लोहा दुनिया ने माना है, क्योंकि वे स्वस्थ जीवन जीने के तरीके, दवा की आधुनिक एलोपैथिक प्रणाली से बचने और दिनचर्या में भारतीय जीवनशैली के तरीकों को अपनाने में कारगर हैं। भारत को आयुर्वेद, योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के मामले में विश्व नेता के रूप में नामित होने का गौरव प्राप्त है। उत्तराखंड राज्य अब विश्व मं योग की वैश्विक राजधानी बनने का इच्छुक है।”
भारतीय उद्योग परिसंघ, सीआईआई, इस शिखर सम्मेलन का आधिकारिक नेशनल पार्टनर है, साथ ही ‘अर्न्स्ट एंड यंग’ नॉलेज पार्टनर है। उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड में जल्द ही ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर एक्टश् लागू होगा। ‘सिक्किम के बाद उत्तराखंड दूसरा पूर्णतः जैविक राज्य होगा। स्वदेशी ऑर्गेनिक उत्पादों की खेती करने के लिए मजबूत बल देगा। यह उत्तराखंड में लगभग 10,000 जैविक समूहों के विकास को प्रोत्साहित करेगा। केंद्र सरकार ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100ः प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जो 30 वर्षों के लिए कृषि भूमि को पट्टे पर देने की नीति के साथ आया है। वेलनेस के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य ने अक्टूबर 2018 में अपने उद्घाटन इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था, जिसमें 4000 से अधिक प्रतिनिधियों, निवेशकों, उद्यमियों, उद्योग विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के कदमों को देखा गया। शिखर सम्मेलन विभिन्न क्षेत्रों में 600 से अधिक निवेशकों के साथ प्छत् 1.2 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू आईटीआई पर हस्ताक्षर करने के साथ संपन्न हुआ था। उत्तराखंड आयुष नीति 2018, उत्तराखंड पर्यटन नीति 2018, अरोमा पार्क नीति 2018, मेगा फूड पार्क नीति के दायरे में समर्पित क्षेत्रीय नीतियों को निवेशकों को वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन का समर्थन करने के लिए शुरू किया गया है और एक समग्र के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देता है।
उत्तराखंड सरकार आने वाले वर्षों में एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए पहल कर दही है। पूर्व में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में श्आध्यात्मिक पारिस्थितिकी क्षेत्रश् के प्रचार और विकास पर जोर दिया है।
उत्तराखंड सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता का केंद्र है जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। समृद्ध जैव विविधता, वनस्पतियों और जीवों के साथ और दुर्लभ जड़ी-बूटियों और औषधीय क्षेत्रों के साथ इसका 60ः से अधिक क्षेत्र वनों से आच्छादित है। हाल ही में दिल्ली में आयोजित रोड शो में, सरकार ने योग की वैश्विक राजधानी के रूप में उत्तराखंड को स्थान देने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है, क्योंकि यह पसंदीदा पर्यटन स्थल बन गया है। उत्तराखंड ने श्सिडकुलश् (स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) के माध्यम से विश्व स्तरीय श्इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल इस्टेट्स’ भी विकसित किया है।
सुश्री मनीषा पंवार (प्रमुख सचिव, उद्योग, उत्तराखंड सरकार), ने वेलनेस शिखर सम्मेलन में एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने सुझाव साझा किये। श्री एल फनाई (डीजी और आयुक्त, उद्योग, उत्तराखंड सरकार) ने श्उत्तराखंड वेलफेयर समिटश् के दायरे में एक प्रस्तुति दी। डॉ. एस. साजिकुमार (पूर्व अध्यक्ष, सीआईआई, केरल), सुश्री सोनिका (अपर सचिव, पर्यटन, उत्तराखंड सरकार) और श्री सुधीर चंद्र नौटियाल (निदेशक, उद्योग विभाग, उत्तराखंड सरकार) भी शिखर सम्मेलन में उपस्थित थे।