उत्तराखंड राजधानी दून में अगर बात की जाए भवन निर्माण की तो लगातार शहर की गलियों से लेकर बाजारों तक में धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहे हैं च...
उत्तराखंड राजधानी दून में अगर बात की जाए भवन निर्माण की तो लगातार शहर की गलियों से लेकर बाजारों तक में धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहे हैं चाहे वह घरेलू हो या कमर्शियल बात करें एमडीडीए की तो निर्माण कार्यों से अधिकारियों की जेबे गर्म हो रही है इसका जीता जागता उदाहरण शहर में हो रहे देहरा खास के ब्लॉक नंबर 52 में निर्माण की है जहां बिल्डर द्वारा नक्शे में कुछ और दर्शाया गया है और उसी स्थान पर उसके विपरीत निर्माण किया जा रहा है जब इस बाबत एमडीडीए के जे ई से बात की तो उसने नोटिस काटने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया मजे की बात यह है कि विभाग द्वारा बिल्डर के नाम पर एक नोटिस काट कर खानापूर्ति कर उसको निर्माण करने की पूरी आजादी दे दी जाती है निर्माण होने के बाद अधिकारियों की सांठगांठ से उसको बाद में पेनल्टी लगाकर कंपाउंड कर दिया जाता है
अगर राजधानी दून में निर्माणों की जांच की जाए तो 90% से भी ज्यादा निर्माण अवैध पाए जाएंगे जिसके कारण स्थानीय निवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है वही स्थानीय महिलाओ ने आरोप लगते हुए खा की कई बार इसकी शिकायत एम डी डी ए व नगर निगम को भी कर चुके है लेकिन 20 फ़ीट की रोड पर फ्लेट नहीं बनाये जा सकते लेकिन कही न कही एमडीडीए की मिलीभगत से ये फ्लेट बनाये जा रहे है