उत्तराखंड की राजधानी दून में पुलिस द्वारा भले ही नशे के खिलाफ अभियान चलाकर कई लोगों को बंद भी किया गया हो परंतु आज भी स्थिति यह है कि गली म...
उत्तराखंड की राजधानी दून में पुलिस द्वारा भले ही नशे के खिलाफ अभियान चलाकर कई लोगों को बंद भी किया गया हो परंतु आज भी स्थिति यह है कि गली मोहल्ले की दुकानों में प्रतिबंधित दवाई और कैप्सूल लगातार युवाओं को बेचे जा रहे हैं ताजा मामला राजधानी दून के गढ़ी कैंट क्षेत्र के अंतर्गत गोविंदगढ़ का है जहां एक केमिस्ट के द्वारा युवकों को नशे की गोलियां जिन पर ₹17 प्रिंट होने के बावजूद भी ₹50 का पता धड़ल्ले से बेचा जा रहा था साथ ही जब हम लोगों के द्वारा केमिस्ट से पूछा गया तो
उसका लाइसेंस भी उसके नाम पर नहीं है और ना ही उस पते का लाइसेंस उसके पास है इससे साफ पता चलता है कि यह गोरखधंधा वह काफी समय से चला रहा था खरीदने वाले युवक से जब हमने पूछा तो उसने बताया कि हम लोग रोज ही इससे नशे की गोलियां खरीदते हैं हमारे फोन करने पर बिंदाल चौकी इंचार्ज विवेक राठौर लक्षिता पुलिस भेजकर दुकान पर ताला डाला क्योंकि केमिस्ट अनिरुद्ध मिश्रा पहले ही चकमा देकर फरार हो चुका था चौकी इंचार्ज का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उसको ढूंढा जा रहा है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी